- नवरात्रि में प्रतिदिन सुबह किसी शिव मंदिर में जाएं। वहां शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और शक्कर चढ़ाते हुए उसे अच्छी तरह से साफ करें। फिर शुद्ध जल चढ़ाएं और पूरे मंदिर में झाड़ू लगाकर उसे साफ करें। अब भगवान शिव की चंदन, पुष्प एवं धूप, दीप आदि से पूजा-अर्चना करें। रात्रि 10 बजे के पश्चात अग्नि प्रज्वलित कर ऊँ नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए घी से 108 आहुति दें। अब 40 दिनों तक नित्य इसी मंत्र का पांच माला जप भगवान शिव के सम्मुख करें। इससे शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूर्ण होगी और अच्छे स्थान पर विवाह संबंध तय होगा। यदि विवाह में अड़चने अधिक आ रही हों तो मां जगदंबा का एक चित्र लाल कपड़े पर रखें और उसके सामने चावल से दो स्वस्तिक बनाएं। एक स्वस्तिक पर गणेशजी को विराजमान करें और दूसरे पर गौरी-शंकर रुद्राक्ष को स्थापित करें। यह रुद्राक्ष साक्षात मां पार्वती और भगवान शिव का प्रतीक है। अब इसके सम्मुख निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप करें और विवाह में आ रही बाधाओं के निवारण और शीघ्र विवाह की प्रार्थना भगवान से करें-
ऊँ कात्यायन्यै नम:अंत में इस रुद्राक्ष को मां गौरी और भगवान शिव का प्रसाद समझकर गले में धारण कर लें। शीघ्र ही आपका विवाह अच्छे स्थान पर तय हो जाएगा।
- गुप्त नवरात्रि में रोज नीचे लिखे मंत्र का जप तीन माला करें। जप से पूर्व मां दुर्गा की पंचोपचार पूजा करें और उन्हें लाल रंग का सुगंधित पुष्प अवश्य चढ़ाएं। इसके प्रभाव से शीघ्र ही आपका विवाह अच्छे स्थान पर तय हो जाएगा-
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीं तारिणीं दुर्ग संसारसागरस्य कुलोद्भवाम्।।
नवरात्र के गुरुवार को पीले रंग का एक रुमाल मां दुर्गा को चढ़ाएं और पूजन के पश्चात यह रूमाल अपने साथ रखें। यह मां दुर्गा के प्रसादस्वरूप है। अब इसे आपको सदैव अपने साथ रखना है। शीघ्र आप देंखेंगे कि आपकी मनोकामना पूर्ण हो गई है।
Thursday, July 7, 2011
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