भगवान सूर्य ही इस जगत के स्वामी है। सूर्य की शक्ति, गति और ऊर्जा ही जगत के लिये प्राणदायी है।ज्ञान व कर्म से सबल बन, समय की चाल को समझ और सकारात्मक सोच से ऊर्जावान बने रहकर ही सफलता, प्रतिष्ठा और यश से जीवन रोशन हो सकता है। रविवार को सूर्य उपासना बहुत ही शुभ फलदायी मानी गई है। सूर्य उपासना में विशेष मंत्र कामनासिद्धि में बहुत असरदार माने गए हैं। रविवार सूर्योदय से पहले स्नान करें, सूर्य उदय होने पर नीचे लिखे मंत्र से जल भरे तांबे के कलश से सूर्य अर्घ्य दें -
प्रभाकराय मित्राय नमस्तेदितिसम्भव।
नमो गोपतये नित्यं दिशां च पतये नम:।।
सूर्य को अर्घ्य देकर सूर्य की प्रतिमा को लाल चंदन, लाल कमल अर्पित कर गेहूं के आटे और घी व शक्कर से बने कसार का भोग लगाएं। इसके बाद नीचे लिखी सूर्य प्रार्थना बोलें -
यमाराध्य पुरा देवी सावित्री काममाप वै।
स मे ददातु देवेश: सर्वान् कामान् विभावसु:।।
यमाराध्यादिति: प्राप्ता सर्वान् कामान् यथेप्सितान्।
स ददात्वखिलान् कामान् प्रसन्नो मे दिवस्पति:।
भ्रष्टराज्यश्च देवेन्द्रो यमभ्यर्च्य दिवस्पति:।
कामान् सम्प्राप्तवान् राज्यं स मे कामं प्रयच्छतु।।
प्रार्थना पूजा के बाद गुग्गल धूप व दीप आरती कर निरोगी, सुखी व सफल जीवन की कामना सूर्य देव से करें।
Saturday, August 13, 2011
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