राशि पर शनि देव का अच्छा और बुरा असर साढ़े सात साल तक होता है। इस समय को शनि की साढ़ेसाती कहा जाता है। कहा जाता है शनि की साढ़ेसाती बुरी होती है और इस समय में व्यक्ति परेशान हो जाता है। व्यक्ति के पास कुछ नही बचता। लेकिन ऐसा नही है खत्म होती शनि की साढ़ेसाती में जातक को शनि देव कुछ न कुछ देकर ही जाते हैं।
क्या मिलता है उतरती हुई साढ़ेसाती में-
मेष- शनि साढ़ेसाती की आखिरी ढैय्या मेष राशि वालों के लिए धन लाभ देने वाली होती है। नए भूमि, वाहन और मकान का शुभ योग बनता है। मुख से संबंधितरोग होते हैं। वृष- साढ़ेसाती इस राशि वालों को व्यवसाय में लाभ देती है। और अंतिम ढैय्या में धार्मिक यात्राओं के योग बनते हैं। वाक् चातुर्यता से संबंधों में सफलता मिलती है। मिथुन- इस राशि वालो को शनि की अंतिम ढैय्या में यात्राओं से लाभ होता है। अचानक धन लाभ होने के योग बनते हैं। जलिय व्यापार से भी इस राशि वालों को लाभ मिलता है। सर्दी, जुकाम और ह्द्य रोग होते हैं। कर्क- कर्क राशि वालों का विवाह योग शनि की अंतिम ढैय्या में ही बनता है। इस ढैय्या में साझेदारी से लाभ होता है। सिंह- इस राशि वाले लोगों का जमा धन शेयर बाजार और बैंक में शनि की अंतिम ढैय्या में बढ़ता है। वाणी से शत्रु भी बढ़ते हैं। कन्या- शनि के अंतिम ढैय्या में कन्या राशि वालों का ऋण लेने या देने का योग बन रहा है। पैतृक धन लाभ होता है। आर्थिक स्तर बढ़ता है। धन लाभ के योग बनते हैं। शनि के इस अंतिम ढैय्या में ही कन्या राशि वालों को मान, सम्मान मिलता है और उन्नति होती है। तुला- तुला राशि वाले जातकों को साढ़ेसाती की अंतिम ढैय्या में विद्या और बोद्धिक कार्यों में सफलता मिलती है। वाहन मशीन और स्थायी सम्पत्ति का लाभ भी इसी समय में ही मिलता है। धन लाभ के योग भी बनते हैं। वृश्चिक- इस राशि वालों के लिए अंतिम ढैय्या का समय भूमि, प्रॉपर्टी से संबंधित लाभ के योग बनते हैं। वृश्चिक राशि के व्यवसायियों के लिए यह समय शुभ रहता है। लेकिन मानसिक अस्थिरता और माता के स्वास्थ्य की चिंता बनी रहेगी। धनु- धनु राशि वालों के लिए साढ़ेसाती का अंतिम ढैय्या शुभ और अनुकूल समय होता है। इस समय में इनको मेहनत से उन्नति और आर्थिक दृष्टि से लाभ होता है। इसी समय में इनके महत्पूर्ण लेन देन भी होते है जिनसे इनको लाभ मिलता है। मकर- आपकी राशि के स्वामी शनि की अंतिम ढैय्या में आपको उन्नति मिलेगी। इस राशि वालों को अचानक धन लाभ तो होता है लेकिन शारीरिक चोट का भी भय बना रहता है। पारीवारिक कार्यक्रमों में में धन व्यय होने के भी योग बनते हैं। कुंभ- इस राशि वालों को अंतिम ढैय्या में बाहरी क्षेत्रों से धन लाभ होता है। शनि की अंतिम ढैय्या इस राशि के आयात-निर्यात के व्यवसायियों के लिए बहुत शुभ होता है। इस समय में इनका धार्मिक यात्राओं के योग भी बनते हैं। मीन- इस समय में पुराने शत्रु उभरते हैं। अंतिम ढैय्या में इस राशि वालों के साथ धोखा और जालसाजी होने के योग बनते हैं। कार्यक्षेत्र में पदावनति के भी योग बनते हैं। यह समय इस राशि वालों के लिए प्रतिकूल रहता है।
Friday, March 18, 2011
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