ऐसे में नीचे लिखे इस एक मंत्र का विधि-विधान पूर्वक जप करने से संपूर्ण भागवत पढऩे या सुनने का फल मिलता है। इस श्लोक को एक श्लोकी भागवत कहते हैं। यह बहुत चमत्कारी श्लोक है। इसका जप करने से साधक को हर कष्ट से मुक्ति मिल जाती है।
एक श्लोकी भागवत
आदौ देवकी देव गर्भजननं, गोपी गृहे वद्र्धनम्।
माया पूज निकासु ताप हरणं गौवद्र्धनोधरणम्।।
कंसच्छेदनं कौरवादिहननं, कुंतीसुपाजालनम्।
एतद् श्रीमद्भागवतम् पुराण कथितं श्रीकृष्ण लीलामृतम्।।
अच्युतं केशवं रामनारायणं कृष्ण:दामोदरं वासुदेवं हरे।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं जानकी नायकं रामचन्द्रं भजे।।
सुबह जल्दी नहाकर, साफ वस्त्र पहनकर भगवान श्रीकृष्ण के चित्र का विधिवत पूजन करें। भगवान श्रीकृष्ण के चित्र के सामने आसन लगाकर रुद्राक्ष की माला लेकर इस मंत्र का जप करें। प्रतिदिन पांच माला जप करने से उत्तम फल मिलता है। आसन कुश का हो तो अच्छा रहता है। एक ही समय, आसन व माला हो तो यह मंत्र जल्दी ही सिद्ध हो जाता है।
Thursday, April 7, 2011
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