प्रेम विवाह से संबंधित तीन ग्रह होते हैं। यह तीन ग्रह सूर्य, बुध और शुक्र हैं। इन तीनों ग्रहों के कारण व्यक्ति को प्रेम होता है। अगर यह तीनों ग्रह एक साथ एक ही भाव में स्थित हो तो वह व्यक्ति प्रेम विवाह निश्चित करता है। यदि शुक्र, सूर्य और बुध तीनों ग्रह एक ही क्रम में अलग-अलग भावों में हो तो प्रेम होता है परंतु इनका विवाह नहीं हो पाता।सूर्य, बुध और सूर्य इन ग्रहों में से कोई दो युति करते हो और एक अन्य ग्रह भाव में स्थित हो जाए तो बहुत मुश्किल से प्रेम विवाह होता है।सूर्य, बुध सप्तम स्थान में हो तो अपने से बड़ी उम्र का प्रेमी मिलता है। शुक्र बलवान होने पर कई साथी मिलते हैं परतुं अन्य दो ग्रह सूर्य-बुध के कमजोर होने पर व्यक्ति को अपना प्रेम नहीं मिलता।
क्या करें प्रेम विवाह हेतु?
- अपने साथी का नाम लिखकर एक पीपल का पत्ता रविवार, सोमवार और मंगलवार को शिवजी पर चढाएं। शिव चालीसा का पाठ करें। महाकाली का पूजन मंगलवार के दिन करें। मछली को आटे की गोली खिलाएं। मां पार्वती की आराधना करें। श्रीकृष्ण की पूजा करें।
बिल्व पत्र पर चंदन से (श्रीं) लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें।
Monday, January 10, 2011
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