शिव पुराण के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिवजी से हुई है। सामान्यत: रुद्राक्ष पुरुषों द्वारा ही धारण किया जाता है. इसे महिलाएं भी धारण कर सकती है क्योंकि भगवान के लिए महिला और पुरुष दोनों ही समान है, दोनों पर परमात्मा समान रूप से ही प्रेम और कृपा बरसाते हैं। शिवजी के लिए स्त्री और पुरुष में कोई भेद नहीं है। अत: रुद्राक्ष महिलाएं भी धारण कर सकती हैं। महिलाओं के लिए गौरीशंकर रुद्राक्ष सफल वैवाहिक जीवन के लिए लाभकारी माना गया है। वहीं संतान प्राप्ति और संतान से सुख प्राप्त हो इस मनोकामना की पूर्ति के लिए महिलाओं को गौरी गणेश रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। महिलाओं को रुद्राक्ष करने पर कुछ सावधानियां भी रखनी चाहिए: जैसे- सोते समय रुद्राक्ष उतारकर किसी पवित्र स्थान पर रख देना चाहिए। किसी अन्य व्यक्ति का रुद्राक्ष कतई धारण ना करें और अपना रुद्राक्ष किसी और का ना दें। मासिक धर्म के दिनों में रुद्राक्ष पवित्रता की दृष्टि से धारण नहीं किया जाना चाहिए। उन दिनों में रुद्राक्ष धारण करने पर वह अपवित्र हो जाएगा। रुद्राक्ष
धारण करने के पूर्व किसी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।
तावीज से बच्चों से बीमारी
कुछ लोगों को अधिकांश समय छोटी-छोटी बीमारियां घेरे रहती हैं। छोटे बच्चों के साथ विशेषकर ऐसा होता है।
छोटे बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर माता-पिता और अन्य परिवारजन हमेशा चिंतित रहते हैं। लगभग प्रतिदिन उन्हें डॉक्टर के क्लिनिक का चक्कर लगाना होता है। कई माता-पिता बच्चों को बीमारी से बचाने के लिए किसी संत-महात्मा या फकीर द्वारा दिए तावीज को बांध देते हैं। तावीज के प्रभाव से बच्चों से बीमारी दूर रहती है।
बच्चों को बीमारी से बचाने के लिए रावण संहिता का अचूक मंत्र है जिसे सिद्ध कर उसका तावीज पहनाने से बच्चे हमेशा निरोगी बने रहते हैं। इस तावीज को हम घर पर ही बना सकते हैं। तावीज बनाने की विधि इस प्रकार है:
तावीज बनाने के लिए उपयोगी बातें:
इस तावीज को बनाने के लिए आपको इन सामग्रियों की आवश्यकता होगी: शिशु स्वास्थ्य यंत्र, घी का दीपक, अगरबत्ती और मूंगे की माला। इस यंत्र को दिन में किसी भी समय बना सकते हैं। इस यंत्र को सिद्ध करने के लिए सफेद रंग का सूती आसन चाहिए। इस यंत्र को पश्चिम दिशा की ओर मुंह रखकर बनाया जाता है। तावीज बनाने के लिए मंत्र की जप संख्या तीन हजार है और इस जप को तीन दिन में पूरा करना होता है।
तावीज के लिए मंत्र
ऊँ नमो आदेश भगवती भवानी बालकष्ट, बाल रोग, बाल पीड़ा दूर कर सर्व विधि सुख दे, जो मेरा आदेश नहीं माने तो राजा राम की दुहाई।
मंत्र सिद्ध करने की विधि
मंत्र को सिद्ध करने के लिए सफेद रंग के सूती आसन पर बैठकर शिशु स्वास्थ्य यंत्र को सामने रखें और उस पर केशर का तिलक लगाकर, घी का दीपक, अगरबत्ती जलाएं। इस मंत्र को सिद्ध करने का समय तीन दिन है। उपरोक्त मंत्र के तीन दिनों तक प्रतिदिन 1 हजार जप करने हैं। जप करने के लिए मूंगे की माला का प्रयोग करें। तीन दिन में 3 हजार जप होने के बाद मंत्र और यंत्र सिद्ध और कारगर हो जाएगा। तीसरे दिन मंत्र के 3 हजार जप होने के पश्चात यंत्र को रोगी बालक के गले में काले धागे में तावीज बनाकर पहनाया जाना चाहिए। इस तावीज के प्रभाव से बच्चे को बुखार या अन्य रोग नहीं होगा।
सावधानी: इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए तीन दिनों तक धार्मिक आचरण रखें एवं साधक ब्रह्मचर्य का पूर्ण पालन करें। तावीज के संबंध में कोई शंका या संशय मन में ना लाए और ना ही किसी दूसरे व्यक्ति को इस संबंध में बताए। ऐसा करने पर तावीज प्रभावहीन हो जाएगा। बच्चे का डॉक्टरी इलाज बंद ना करें।
Wednesday, January 19, 2011
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