कई प्रकार के शकुन-अपशकुन प्रचलित हैं। पशु-पक्षियों को भी शकुन-अपशकुन की मान्यताओं से जोड़ा गया है। कौए को पितरों की संज्ञा भी दी गई है। कौओं से जुड़ी शकुन-अपशकुन की कई मान्यताएं काफी प्रचलित है। इन्हीं में से कुछ मान्यताएं नीचे उल्लेखित हैं-
1- यदि किसी व्यक्ति के ऊपर कौआ आकर बैठ जाए तो उसेधन व सम्मान की हानि होती है। यदि किसी महिला के सिर पर कौआ बैठता है तो उसके पति को गंभीर संकट का सामना करना पड़ता है। 2- यदि बहुत से कौए किसी नगर या गांव में एकत्रित होकर शौर करें तो उस नगर या गांव पर भारी विपत्ति आती है। 3- किसी के भवन पर कौओं का झुण्ड आकर शौर मचाए तो भवन मालिक पर कई संकट एक साथ आ जाते हैं। 4- कौआ यदि यात्रा करने वाले व्यक्ति के सामने आकर सामान्य स्वर में कांव-कांव करें और चला जाए तो कार्य सिद्धि की सूचना देता है। 5- यदि कौआ पानी से भरे घड़े पर बैठा दिखाई दे तो धन-धान्य की वृद्धि करता है। 6- कौआ मुंह में रोटी, मांस आदि का टुकड़ा लाता दिखाई दे तो उसे अभिष्ट फल की प्राप्ति होती है। 7- पेड़ पर बैठा कौआ यदि शांत स्वर में बोलता है तो स्त्री सुख मिलता है। 8- यदि उड़ता हुआ कौआ किसी के सिर पर बीट करे तो उसे रोग व संताप होता है। और यदि हड्डी का टुकड़ा गिरा दे तो उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। 9- यदि कौआ पंख फडफ़ड़ाता हुआ उग्र स्वर में बोलता है तो यह अशुभ संकेत है। 10- यदि कौआ ऊपर मुंह करके पंखों को फडफ़ड़ाता है और कर्कश स्वर में आवाज करता है तो वह मृत्यु की सूचना देता है।
घरों में आमतौर पर पाई जाने वाली छिपकली भी जीवन में होने वाली कई घटनाओं के बारे में संकेत करती है। 1- अगर छिपकली समागम करती मिले तो किसी पुराने मित्र से मिलन होता है। लड़ती दिखे तो किसी दूसरे से झगड़ा होता है और अलग होती दिखे तो किसी प्रियजन से बिछुडऩे का दु:ख होता है। 2- भोजन करते समय छिपकली का बोलना शुभ फलकारक होता है। 3- नए घर में प्रवेश करते समय गृहस्वामी को छिपकली मरी हुई व मिट्टी लगी हुई दिखाई दे तो उसमें निवास करने वाले लोग रोगी रहेंगे। 4- छिपकली किसी व्यक्ति के सिर अथवा दाहिने हाथ पर गिरे तो सम्मान तो मिलता है किंतु बाएं हाथ पर गिरती है तो धन हानि होती है। 5- यदि छिपकली किसी व्यक्ति के दाई ओर से चढ़कर बाईं ओर उतरती है तो उसे पदोन्नति और धन लाभ मिलता है। 6- यदि छिपकली पेट पर गिरती है तो अनेक प्रकार के उत्पात और छाती पर गिरती है तो सुस्वादु भोजन मिलता है। 7- घुटने पर गिरकर सुख प्राप्ति की सूचना देती है छिपकली। 8- स्त्री की बाईं बांह पर छिपकली गिरे तो सौभाग्य में वृद्धि और दाहिनी बांह पर गिरे तो सौभाग्य की हानि होती है। 9- यदि किसी के दाहिने गाल पर छिपकली गिरे तो उसे भोग-विलास की प्राप्ति होती है। बाएं गाल पर गिरे तो स्वास्थ्य में विकार उत्पन्न होते हैं। 10- यदि छिपकली नाभि पर गिरे तो पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। गुप्त अंगों पर गिरे तो रोग की संभावना व्यक्त करती है।
छींक आना एक सामान्य शारीरीक प्रक्रिया है लेकिन पुरातन समय से ही छींक को शकुन-अपशकुन से जोड़कर देखा जाता है। छींक आना कहीं शुभ माना जाता है कहीं अशुभ। छींक से जुड़ीं कुछ मान्यताएं तथा विश्वास हैं हमारे समाज में प्रचलित हैं जो प्राचीन समय से चले आ रहे हैं। अलग-अलग जाति तथा धर्म में छींक आने को लेकर कई धारणाएं मानी जाती हैं। उनमें से कुछ नीचे दी गई हैं-
1- यदि घर से निकलते समय कोई सामने से छींकता है तो कार्य में बाधा आती है। अगर एक से अधिक बार छींकता है तो कार्य सरलता से संपन्न हो जाता है। 2- किसी मेहमान के जाते समय कोई उसके बाईं ओर छींकता है तो यह अशुभ संकेत है। 3- कोई वस्तु क्रय करते समय यदि छींक आ जाए तो खरीदी गई वस्तु से लाभ होता है। 4- सोने से पूर्व और जागने के तुरंत बाद छींक की ध्वनि सुनना अशुभ माना जाता है। 5- नए मकान में प्रवेश करते समय यदि छींक सुनाई दे तो प्रवेश स्थगित कर देना ही उचित होता है। 6- व्यावसायिक कार्य आरंभ करने से पूर्व छींक आना व्यापार वृद्धि का सूचक होती है। 7- कोई मरीज यदि दवा ले रहा हो और छींक आ जाए तो वह शीघ्र ही ठीक हो जाता है। 8- भोजन से पूर्व छींक की ध्वनि सुनना अशुभ मानी जाती है। 9- यदि कोई व्यक्ति दिन के प्रथम प्रहर में पूर्व दिशा की ओर छींक की ध्वनि सुनता है तो उसे अनेक कष्ट झेलने पड़ते हैं। दूसरे प्रहर में सुनता है तो देह कष्ट, तीसरे प्रहर में सुनता है तो दूसरे के द्वारा स्वादिष्ट भोजन की प्राप्ति और चौथे प्रहर में सुनता है तो किसी मित्र से मिलना होता है। 10- धार्मिक अनुष्ठान या यज्ञादि प्रारंभ करते समय कोई छींकता है तो अनुष्ठान संपूर्ण नहीं होता है।
Tuesday, February 8, 2011
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