शुभ और मंगल की चाहत तभी पूरी हो सकती है, जब बुद्धि और विवेक के संतुलन से लक्ष्य तक पहुंचा जाए। किंतु लक्ष्य भेदन के लिए भी जरूरी है कि उसके लिए की जाने वाली कोशिशों में आने वाली बाधाओं को ध्यान रख पहले से ही तैयारी रखी जाए। इनके बावजूद भी अनेक अवसरों पर अनजानी-अनचाही मुसीबतों से दो-चार होना पड़ता है। हिन्दू धर्म में भगवान श्री गणेश ऐसे ही देवता के रूप में पूजनीय है, जिनका नाम जप ही कार्य में आने वाली जानी-अनजानी विघ्र, बाधाओं का नाश कर देता है। शास्त्रों में गृहस्थी हो या व्यापार या फिर किसी परीक्षा और प्रतियोगिता में सफलता की चाह रखने वालों के लिए श्री गणेश के इस मंत्र जप का महत्व बताया गया है। जिसमें भगवान श्री गणेश के 12 नामों की स्तुति है। जानते हैं यह श्री गणेश मंत्र - बुधवार या हर रोज इस मंत्र का सुबह श्री गणेश की सामान्य पूजा के साथ जप बेहतर नतीजे देता है। पूजा में दूर्वा चढ़ाना और मोदक का यथाशक्ति भोग लगाना न भूलें।
गणपर्तिविघ्रराजो लम्बतुण्डो गजानन:।
द्वेमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिप:।।
विनायकश्चायकर्ण: पशुपालो भावात्मज:।
द्वाद्वशैतानि नामानि प्रातरूत्थाय य: पठेत्।
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्रं भवते् कश्चित।
Wednesday, February 16, 2011
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