बुधवार का दिन देव उपासना के लिए श्रेष्ठ माना गया है। यह दिन बुद्धिदाता श्री गणेश के अलावा बुध देव की उपासना का खास दिन भी होता है। बुद्धि और सफलता के लिए श्री गणेश और बुध पूजा प्रभावी होती है। ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक बुध ग्रह का अच्छा प्रभाव नौकरी या बिजनेस में भारी कामयाबी, विद्या, एकाग्रता और अच्छी याददाश्त देने के साथ अनचाहे तनावों से छुटकारा देता है। इसलिए बुधवार के दिन बुध देव की प्रसन्नता के लिए बुध पूजा करने से बुध ग्रह के सभी बुरे प्रभाव दूर हो जाते हैं और मनोवांछित फल मिलते हैं।
- सुबह स्नान कर बुधदेव की यथासंभव सोने की मूर्ति अन्यथा धातु की मूर्ति कांसे के पात्र पर स्थापित करें। - भगवान बुधदेव को दो सफेद वस्त्र अर्पित करें। बुधदेव की पंचोपचार पूजा यानि गंध, अक्षत, फूल अर्पित करें। - भोग में गुड़, दही और भात का भोग लगाएं। - धूप और अगरबत्ती, दीप जलाकर पूजा-आरती करें। - पूजा के दौरान बुध देव का बीज मंत्र -ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: या ऊँ बुं बुधाय नम: का जप करें। - पूजा के बाद क्षमा प्रार्थना और मंगलकामना करें। - यथासंभव ब्राह्मणों को बुध देव को लगाए भोग के साथ भोजन कराएं। - इस दिन बुध देव की निमित्त कांसा, जौ, हाथीदांत, सोना, कपूर या हरा कपड़ा, घी, मूंग दाल, हरी वस्तुओं का दान करें। - बुधवार के दिन श्री गणेश की भी पूजा करें और पूजा में विशेष रूप से सिंदूर, दुर्वा, गुड़, धनिया अर्पित करें। मोदक का भोग लगाएं। यथाशक्ति ऐसे 7, 17, 21 या 45 बुधवार पर व्रत करें। व्यक्ति का वाक कौशल यानि बोलने की कला या बुद्धिमानी बुध ग्रह नियत करता है। इसलिए बुधवार को बुध पूजा और व्रत के फल से व्यक्ति बुद्धिजीवी, कलाकार, सफल कारोबारी या शिक्षक बनता है। इसलिए बुधवार को बुध के साथ श्री गणेश पूजा के शुभ योग का फायदा हर छात्र, बिजनेसमेन और कलाकार उठाएं।
Wednesday, February 9, 2011
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