शास्त्रों में शादी के लिए चार माह शुभ बताए गए हैं। जिसमें विवाह करने से अलग-अलग लाभ हैं। आइए जानें किस माह में विवाह करने से क्या लाभ हैं?
माघे धनवती कन्या, फाल्गुने शुभगा भवेत,
वैशाखे तथा ज्येष्ठे पतिउत्यन्तवल्लभा।
मार्गशिर्ष मपिच्छती, अन्यये मासाश्च वर्जिता।।
यानि जिस स्त्री का विवाह माघ मास में होता है, वह धनवान होती है, फाल्गुन में विवाह होने पर वह सौभाग्यवती होती है। वैशाख तथा ज्येष्ठ में विवाह होने पर पति को प्यारी होती है। अकस्मात बहुत आवश्यक होने पर ही मार्गशिर्ष मास में भी विवाह कर सकते है। बाकी सभी माह विवाह हेतु वर्जित है।
वर्तमान में वैशाख मास चल रहा है।इसके अलावा सूर्य जब गुरुकी राशि धनु एवं मीन में होने पर, गुरु-शुक्र तारा अस्त होने पर, मलमास या अधिमास होने पर विवाह निषेध होता है।भारतीय सामाजिक व्यवस्था में विवाह को पवित्र बंधन माना जाता है। हमारे शास्त्रों में तलाक जैसा कोई शब्द ही नहीं है।
Tuesday, November 16, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment