यदि आप अपने व्यापार में कोई साझेदार रखने का मन बना रहे है तो जान लें किस लग्र या राशि का साझेदार आपको बिजनेस में सफलता दिलाएगा और किस लग्र के साझेदार से आपके बिजनेस में हानि हो सकती है?
कुंडली में स्थित लग्र यानि पहले भाव से जानें-यदि आप जिससे मित्रता का हाथ मिलाने जा रहे हैं अगर उसके लग्न में स्थित राशि आपके लग्न में स्थित राशि से दूसरी हो तो, इस स्थिति में आपको लाभ होगा लेकिन आपके साझेदार को नुकसान होगा, यानी इस रिश्ते में परस्पर मित्रता वाली बात नहीं रहेगी।
साझेदार की कुंडली मे आपकी राशि से तीसरी राशि स्थित है तो वह व्यक्ति बुरे वक्त में काम नहीं आता है यानी जब आप पर कठिन समय आएगा तो वह मदद के लिए आगे नहीं आएगा।
जिस लग्न में आपका जन्म हुआ है उस लग्न से चौथी राशि वाले से आप साझेदारी करते हैं तो सुख के समय दोनों के बीच अच्छा प्यार रहेगा लेकिन जब दु:ख का समय आएगा तो साझेदार मुंह फेर लेगा।
आपकी लग्न राशि से पांचवी राशि के लग्र वालों के बीच होने वाली साझेदारी उत्तम मानी गई है।
आपकी लग्र राशि से छठी राशि वालों से की गई साझेदारी अच्छी नहीं होती है, इस साझेदारी से व्यापार में जरूर हानि होती है।
आपका साझेदार आपकी लग्न राशि से सातवीं राशि का है तो यह दोनों के लिए शुभ है। इस स्थिति में दोनों के अच्छे सम्बन्ध रहते है। साझेदार के भाग्य से आपकी उन्नति होगी।
स्वयं की लग्र राशि से अष्टम राशि वालों की साझेदारी भी दोषपूर्ण मानी गई है।
नौवीं राशि वालों से मित्रगत सम्बन्ध लाभदायक होते है। आपको अपने साथी से सुख एवं अनुकूल सहयोग मिलता है।
दसवीं राशि वाले साथी बहुत अधिक मधुर संबंध नहीं रखते है। आप इनसे जैसा व्यवहार करेंगे यह आपसे उसी प्रकार प्रस्तुत होंगे।
आपके लग्र से एकादश राशि वाला व्यक्ति साझोदारी के लिए बहुत ही अच्छा होता इससे दोनो मित्रों को लाभ मिलता है।
जबकि लग्र से बारहवीं राशि वालों के बीच मित्रता, साझेदारी एवं सम्बन्ध रखना परेशानी और कष्टदायक होता है।
Saturday, November 27, 2010
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