घर में दरवाजा गलत दिशा में बना है? कोई द्वार दोष है? ऐसा दोष आपको कर्ज में डुबो सकता है। नीचे लिखे वास्तु उपायों को अपनाकर आप भी अपने घर के दरवाजे से वास्तु दोष को कम कर सकते हैं।
उत्तर का दरवाजा हमेशा लाभकारी होता है।यदि द्वार दोष उत्पन्न होता है, तो भगवान विष्णु की आराधना करें। पीले फूलों की माला दरवाजे पर लगाएं। लाभ होगा।पूर्व दिशा में घर का दरवाजा है तो वो व्यक्ति को ऋणी बना देता है, तो सोमवार को रूद्राक्ष घर के दरवाजे के मध्य लटका दें और पहले सोमवार को रूद्राक्ष व शिव की आराधना करने से आपके समस्त कार्य सफल होंगे।दक्षिण दिशा में घर का प्रमुख द्वार दोष उत्पन्न होता है, तो भगवान विष्णु की आराधना करें। पीले फूलों की माला दरवाजे पर लगाएं। लाभ होगा।
पश्चिम दिशा में द्वार दोष उत्पन्न होने पर रविवार को सूर्योदय से पूर्व दरवाजे के सम्मुख नारियल के साथ कुछ सिक्के रखकर दबा दें। किसी लाल कपड़े में बांध कर लटका दें। सूर्य के मंत्र से हवन करें। द्वार दोष दूर होगा।
भूखंडों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं,अपार्टमेंट में घर लेना काफी सुविधाजनक हो गया है। वास्तु सभी अपार्टमेंट को एक स्वतंत्र इकाई मानता है इसलिए अपार्टमेंट में आप ऊपर रहें या नीचे, दिशा निर्धारण का वही सिद्धांत लागू होता है। अगर अपार्टमेंट बहुत ऊंचाई पर है, तब भी बेहतर यह है कि पूरा ब्लॉक वर्गाकार या आयताकार हो ताकि पृथ्वी से उसका नाता जुड़ा रहे। वास्तु के अनुसार वर्गाकार भवन पुरुषोचित होते हैं जबकि आयताकार इमारतें स्त्रियोचित(नारी-जातीय) और कोमल।
यदि आप अपार्टमेंट ब्लॉक में रहने जा रहे हैं तो उसकी ऊपरी मंजिल चुनिए ताकि भूतल स्तर के नुकसानदायक प्रभावों से बचा जा सके। अपार्टमेंट के लिए सबसे अच्छी जगह ब्लॉक की उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा है, जो प्रात:कालीन प्रकाश के अनुकूल गुणों को ग्रहण करती है। उत्तर-पूर्व दिशा वाला अपार्टमेंट यह सुनिश्चित करेगा कि अन्य अपार्टमेंट दक्षिण-पश्चिम में बाधाएं पैदा कर नकारात्मक शक्तियों के प्रवेश को रोकेंगे। ब्लॉक पर्याप्त दूरी पर हों ताकि कमरों में रोशनी व हवा आ सके।
वास्तु शास्त्रों का यह भी मानना है कि घर बनाने में प्रयुक्त किए गए सभी पदार्थों में जैविक ऊर्जा होती है। बलुआ तथा संगमरमर जैसे पत्थर घर में रहने वाले लोगों पर शुभ प्रभाव डालते हैं जबकि ग्रेनाइट तथा स्फटिक जैसे पत्थर नसों में खून के प्रवाह में अवरोध उत्पन्न करते हैं तथा स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी खड़ी करते हैं। आदर्श अपार्टमेंट वह ब्लॉक है जो ईंटों या पत्थर से निर्मित हो न कि शीशे या पथरीली कांक्रीट से।
वर्तमान में आधुनिक भवनों में पथरीली क्रंकीट, इस्पात, शीशे या सिंथेटिक सामग्री के उपयोग किया जाने लगा है। यह इमारत को मजबूत तो बनाती हैं लेकिन सेहत पर बुरा प्रभाव भी डालती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार कंक्रीट मृत सामग्री है जो नकारात्मक ऊर्जा उत्सर्जित करती है जिसके कारण बीमारी व अन्य परेशानियां उत्पन्न होती है।
Sunday, November 7, 2010
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