Sunday, September 25, 2011

शिव षडक्षर स्त्रोत

शिव उपासना की मंगलकारी घड़ी प्रदोष काल में कल्याणकारी देवता शिव के अद्भुत षड़ाक्षरी मंत्र स्तुति का स्मरण तमाम सफलता व सुख पाने के लिए असरदार माना गया है। जिसे शिव की पंचोपचार पूजा कर बोलना भी शुभ फलदायी माना गया है। शाम को शिव की पंचोपचार पूजा दूध, गंध, अक्षत, धतुरा, बिल्वपत्र व नैवेद्य अर्पित कर करें। धूप व दीप लगाकर नीचे लिखे षडाक्षरी मंत्र यानी ऊँ नम: शिवाय मंत्र की भी महिमा प्रकट करने वाले अद्भुत स्त्रोत का ध्यान कर शिव की आरती करें। यह शिव षडक्षर स्त्रोत के नाम से भी प्रसिद्ध है।

ऊँकार बिन्दुसंयुक्तं नित्यं ध्यायंति योगिन:।
कामदं मोक्षदं चैव ऊँकाराय नमो नम:।।

नमंति ऋषयो देवा नमन्त्यप्सरसां गणा:।
नरा नमंति देवेशं नकाराय नमो नम:।।

महादेव महात्मानं महाध्यानं परायणम्।
महापापहरं देव मकाराय नमो नम:।।

शिवं शातं जगन्ननाथं लोकानुग्रहकारकम्।
शिवमेकपदं नित्यं शिकाराय नमो नम:।।

वाहनं वृषभो यस्य वासुकि: कंठभूषणम्।
वामे शक्तिधरं वेदं वकाराय नमो नम:।।

यत्र तत्र स्थितो देव: सर्वव्यापी महेश्वर:।
यो गुरु : सर्वदेवानां यकाराय नमो नम:।।

षडक्षरमिदं स्तोत्रं य: पठेच्छिवसंनिधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते।।