Friday, December 17, 2010

राहु शुभ या अशुभ

किसी भी ग्रह के शुभ या अशुभ होने का निर्धारण कुंडली देखकर ही किया जाता है। राहु और केतु जिन्हे पाप ग्रह माना गया है। यदि वे कुंडली में दोष में हो तो जिन्दगी में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। राहु का शुभ या अशुभ होने का निर्धारण जन्मपत्रिका के आधार पर किया जाता है, लेकिन जिनकी जन्मपत्रिका ही नहीं बनी होती है। यदि बनी हुई भी है तो कभी किसी ज्योतिष को दिखाई नहीं है।ऐसी स्थिति में नीचे बताए गए लक्षणों को देखकर यह जानना चाहिए कि राहु अशुभ है या नहीं।
- यदि मानसिक स्थिति अच्छी नहीं है मानसिक भय हमेशा महसूस होता हो।- सांप, बिच्छु आदि जहरीले जानवर बार-बार काटते हों या इनके कारण कई बार खतरे में पड़ चुके हों।- बिना किसी बीमारी के हाथों के नाखून खराब हो जाएं या झड़ जाएं।- अचानक ऐसा लगे कि खराब समय आ गया है और एक के बाद एक कई सारी परेशानियां आपके सामने आ जाएं। जातक का भूरे रंग का कुत्ता खो जाए या मर जाए।- ऊंचाई वाले स्थान से आपको डर लगता हो या आप ऊंचे स्थान से एक दो बार गिर चुके हों।- बुखार अधिक होता हो और लम्बे समय तक चलता हो।-विवाह के पश्चात ससुराल में धनहानि हो या ससुराल से कोई आर्थिक लाभ नहीं हो।- हाथ पैरों में अक्सर सुजन रहती हो।
जन्म कुंडली राहु-केतु को छाया ग्रह माना जाता है परंतु फिर भी यह दोनों ग्रह व्यक्ति की जीवन दिशा बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। राहु की महादशा में गरीब भी किसी राजा के समान सुख प्राप्त करने लगता है और राहु विपरित होने पर रातोरात एक राजा भी रोड पर आ जाता है। यदि आपकी कुंडली में राहु अशुभ है और इसकी वजह से आपके सारे काम बिगड़ जाते हैं तो यह उपाय करें:
- प्रति सोमवार भगवान शिव का जलाभिषेक या रुद्राभिषेक अवश्य करें।- लोहे के बर्तन में खाना खाएं।- गरीबों को कंबल, खाना, अनाज आदि उनके जरूरत की वस्तुएं दान करें।- राहु से संबंधी वस्तुएं दान में स्वीकार ना करें।- सोमवार या शनिवार का उपवास रखें।- शिवलिंग की नित्य नियम से पूजा करें, बिल्व पत्र, धतुरा आदि शिव को प्रिय वस्तुएं अर्पित करें।- राहु को काला रंग अतिप्रिय है, काले रंग से वह और अधिक सक्रीय हो जाता है। अत: अपने आसपास से काले रंग को पूर्णतया दूर कर दें।- मछलियों को आटे की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर खिलाएं।- अपने विश्वासपात्र ज्योतिषी से परामर्श लें।

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