Sunday, December 26, 2010

इष्टसिद्धि में गायत्री मंत्र

इष्टसिद्धि से शक्ति, कामयाबी और इच्छापूर्ति का महत्व बताया गया है। इष्टसिद्धि को सरल शब्दों में समझना चाहें तो इसका मतलब होता है कि व्यक्ति जिस देव शक्ति के लिए श्रद्धा और आस्था मन में बना लेता है, तब उसी के मुताबिक उस देवता से जुड़ी सभी शक्तियां, प्रभाव और वस्तुएं संबंधित को मिलने लगती है। साथ ही वह देव उपासना का वास्तविक लाभ पाता है। इष्टसिद्धि की कड़ी में गायत्री का ध्यान भी बहुत अहम माना जाता है। खासतौर पर तंत्र शास्त्रों में गायत्री साधना में गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों से 24 देव शक्तियों को पाने का फल बताया गया है।
असल में गायत्री मंत्र के हर अक्षर का एक देवता है यानि हर अक्षर देव शक्ति बीज है। इस तरह गायत्री मंत्र के 24 अक्षरों में 24 देव शक्तियों का आवाहन हो जाता है। इष्टसिद्धि के नजरिए से मात्र एक मंत्र से ही 24 देवताओं का इष्ट और उनसे जुड़ी शक्ति प्राप्त होना बहुत महत्व रखती है। ऐसी इष्टसिद्धि से जिंदगी में किसी भी तरह की भय, परेशानी, बाधा या संकटों का सामना नहीं करना पड़ता।
जानते हैं ऐसे महाशक्तिशाली मंत्र के 24 अक्षरों के 24 देवताओं के नाम -
- श्री गणेश - नृसिंह- विष्णु- शिव -कृष्ण - राधा- लक्ष्मी- अग्रि- इन्द्र - सरस्वती- दुर्गा- हनुमान -पृथ्वी- सूर्य - राम - सीता - चन्द्रमा - यम - ब्रह्मा- वरुण- नारायण- हयग्रीव - हंस- तुलसी
धार्मिक दृष्टि से देव शक्तियां जाग्रत होती है। इसलिए इष्ट रूप में गायत्री और गायत्री मंत्र के स्मरण से ही इन 24 देवताओं के अधीन शक्तियां और पदार्थ भी उपासक को प्राप्त होते हैं। जिससे वह सांसारिक और भौतिक शक्तियों से पूर्ण हो जाता है।

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