Tuesday, January 25, 2011

सूर्य और चन्द्र एक साथ कराते हैं अपमान

कई लोगों को मेहनत के साथ ही कई बार अपमान भी झेलना पड़ता है। जीवन में बार-बार कई जगह अपमानित होते हैं। कुंडली में कुछ विशेष योग होते हैं जो बताते हैं व्यक्ति को मान-सम्मान मिलेगा या अपमान। कुंडली में सूर्य की स्थिति पर निर्भर होता है कि हमें कितना यश, मान-सम्मान मिलेगा।
कुंडली में अपमान के योग-
- सूर्य और चंद्र यदि एक साथ, एक ही भाव में स्थित हो तो व्यक्ति को जीवन में कई बार अपमान झेलना पड़ता है।- यदि किसी व्यक्ति की कुंडली के प्रथम भाव में सूर्य और चंद्र स्थित हो तो उसे माता और पिता से दुख मिलता है। वह पुत्र से दुखी और निर्धन होता है।- चंद्रमा और सूर्य चतुर्थ भाव में हो तो व्यक्ति को पुत्र और सुख से वंचित रहता है। ऐसा व्यक्ति मूर्ख और गरीब होता है।- कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य और चंद्रमा स्थित हो तो व्यक्ति जीवनभर पुत्र और स्त्रियों से अपमानित होता रहता है। ऐसे व्यक्ति के पास धन की भी कमी रहती है।- सूर्य और चंद्रमा किसी व्यक्ति की कुंडली के दशम भाव में स्थित हो तो वह सुंदर शरीर वाला, नेतृत्व क्षमता का धनी, कुटिल स्वभाव का और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने वाला होता है।
अपमानित होने से बचने के उपाय
- प्रति दिन सूर्य को ब्रह्म मुहूर्त में जल चढ़ाएं।- अधिक से अधिक हल्के और सफेद रंगों के कपड़ें पहनें। गहरे रंग के कपड़ों से बचें।- सफेद रंग का रुमाल हमेशा अपने साथ रखें।- प्रतिदिन केशर या चंदन का तिलक लगाएं।- सूर्य एवं चंद्रमा से संबंधित वस्तुओं का दान करें।- चंद्रमा से शुभ फल प्राप्त करने के लिए शिवजी और श्रीगणेश की आराधना करें।

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