Thursday, March 17, 2011

नवग्रह यंत्र की पूजा

जीवन में ग्रहों का विशेष प्रभाव पड़ता है। कोई भी एक ग्रह प्रतिकूल असर डालता है तो इससे जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसा भी होता है कि कई ग्रह एक साथ प्रतिकूल हो जाते हैं। ऐसे लोग परिश्रम करने के बाद भी सफल नहीं हो पाते। ऐसी स्थिति में उन्हें नवग्रह यंत्र की पूजा करना चाहिए। इस यंत्र के माध्यम से सभी ग्रहों का एक साथ विधिवत पूजन हो जाता है। इस यंत्र को सामने रखकर नौग्रहों की उपासना करने से सभी प्रकार के भय नष्ट होते हैं। शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त होता है, व्यापार आदि में सफलता मिलती है, समाज में सम्मान बढ़ता है।
सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए इस यंत्र को साथ विष्णु भगवान का पूजन करना चाहिए तथा हरिवंश पुराण की कथा करवानी चाहिए। चन्द्र देव को प्रसन्न करना हो तो यंत्र के साथ भगवान शिव की उपासना करनी चाहिए। मंगल देव को प्रसन्न करना हो तो यंत्र के सम्मुख हनुमानजी पूजा करें। बुध को प्रसन्न करना हो तो यंत्र के साथ दुर्गाजी की पूजा तथा दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। बृहस्पति (गुरु) को प्रसन्न करना हो तो यंत्र के साथ ब्रह्माजी की पूजा करनी चाहिए। शुक्र को प्रसन्न करना हो तो यंत्र के साथ लक्ष्मीजी की पूजा करें। शनि अथवा राहु को को प्रसन्न करना हो तो यंत्र के साथ भैरवजी की पूजा करें। केतु को प्रसन्न करना हो तो यंत्र के साथ गणेशजी की पूजा करें।

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