Thursday, February 10, 2011

माँ दुर्गा का रोग नाशक मंत्र

मनुष्य कई बार बीमारियों से ग्रसित होता है। कुछ बीमारियां हैं लंबे समय तक परेशान करती हैं। कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं जो इंसान को आर्थिक व मनोवैज्ञानिक तरीके से काफी नुकसान पहुंचाती हैं। उपचार के बाद भी यह बीमारियां ठीक नहीं होती। ऐसे समय में मंत्र शक्ति के माध्यम से इन रोगों को ठीक किया जा सकता है। दुर्गा सप्तशती में ऐसे अनेक मंत्रों का वर्णन है जो हमारी समस्याओं के निदान के लिए उपयोगी है। इन मंत्रों के जप से हमारे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जो रोग का समूल नाश कर देता है। नीचे ऐसा ही एक मंत्र लिखा है जो रोग नाश के लिए अचूक माना जाता है।मंत्र:
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान् ।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।।

प्रात:काल जल्दी उठकर साफ वस्त्र पहनकर सबसे पहले माता दुर्गा की पूजा करें। इसके बाद एकांत में कुश के आसन पर बैठकर लाल चंदन के मोतियों की माला से इस मंत्र का जप करें। इस मंत्र की प्रतिदिन 5 माला जप करने से असाध्य रोग भी ठीक हो जाते हैं। यदि जप का समय, स्थान, आसन, तथा माला एक ही हो तो यह मंत्र शीघ्र ही सिद्ध हो जाता है।

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