Friday, February 18, 2011

यंत्रों से अशुभ ग्रह भी देने लगता है शुभ फल

यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य अशुभ हो तो उसे हर कार्य में असफलता ही हाथ लगती है। अधिक मेहनत करने पर भी उसका फल नहीं मिलता। कई बार ऐसी स्थिति भी आ जाती है वह जीवन से पूरी तरह से निराश हो जाता है। ऐसी स्थिति में सूर्य यंत्र का विधि-विधान पूर्वक पूजन करने से सूर्य अशुभ होने पर भी शीघ्र ही शुभ फल प्राप्त होने लगते हैं। सूर्य यंत्र दो प्रकार के होते हैं। पहला नौग्रहों का एक ही यंत्र होता है तथा दूसरा नौग्रहों का अलग-अलग नौयंत्र होता है। प्राय: दोनों यंत्रों के एक जैसे ही कार्य एवं लाभ होते हैं। इस यंत्र को सम्मुख रखकर नौग्रहों की उपासना करने से सफलता तो मिलती ही है साथ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं। व्यापार में लाभ होता है, समाज में यश तथा प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
यंत्र का उपयोग -कभी-कभी ग्रह अनुकूल होने पर भी अनेक रोग व्याधि से मानव पीडि़त होता है। जहां तक उपाय का प्रश्न है इनमें महामृत्युंजय मंत्र का जप भी लाभप्रद होता है। कभी-कभी राहु की शांति के लिए सरसों और कोयले का दान अत्यन्त लाभकारी होता है। सूर्य आदि ग्रहों की शान्त एक मौलिक नियम यह भी है कि जिस ग्रह पर पाप प्रभाव पड़ रहा हो उसको बलवान किया जाना अभीष्ट है। उससे सम्बन्धित रत्न आदि धारण किया जाए अथवा यंत्र रखकर वैदिक मंत्रों द्वारा अनुष्ठान किया जाए।
यंत्रों का विधिवत पूजन करने से अशुभ ग्रह भी शुभ फल देने लगता हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आपकी कुंडली में शनि अशुभ है तो आपको हर कार्य में असफलता ही हाथ लगती है या सोचे गए कार्य देर से होते हैं। कभी वाहन दुर्घटना, कभी यात्रा स्थागित तो कभी क्लेश आदि से परेशानी बढ़ती जाती है। ऐसी स्थिति में ग्रह पीड़ा निवारक शनि यंत्र की पूजा प्रतिष्ठा करने से अनेक लाभ मिलते हैं। यदि किसी व्यक्ति पर शनि की ढैय़ा या साढ़ेसाती चल रही है तो शनि यंत्र की पूजा करना बहुत लाभदायक होता है। श्रद्धापूर्वक इस यंत्र की प्रतिष्ठा करके प्रतिदिन यंत्र के सामने सरसों के तेल का दीप जलाएं। नीला या काला पुष्प चढ़ाएं ऐसा करने से लाभ होगा। इसके साथ ही प्रतिदिन शनि स्त्रोत का पाठ करें।मृत्यु, कर्ज, मुकद्दमा, हानि, क्षति, पैर आदि की हड्डी तथा सभी प्रकार के रोग से परेशान लोगों के लिए शनि यंत्र की पूजा फायदेमंद होती है। नौकरी पेशा लोगों को उन्नति भी शनि द्वारा ही मिलती है अत: यह यंत्र बहुत उपयोगी है।

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