Friday, November 26, 2010

दुश्मन चाहते हुए भी आपका विरोध ना कर पाए

कभी सुख तो कभी दुख, कभी फायदा तो कभी नुकसान। जिंदगी एक जैसी कभी नहीं रहती। परिवर्तन जिंदगी का नियम है। उतार-चढ़ाव जिंदगी में आते जाते रहते हैं। कई बार हमें बिना किसी कारण के ही नुकसान और अपमान का सामना करना पड़ता है कई बार ना चाहते हुए भी कई लोग अनजाने में या किसी गलतफहमी के कारण भी हमारे दुश्मन बन जाते हैं। किसी भी दुश्मन से निपटने के लिए लड़ाई- झगड़ा करने से अच्छा है कि आपका दुश्मन चाहते हुए भी आपका विरोध ना कर पाए इसके लिए बगलामुखी साधना सबसे सरल उपाय है। इस दुर्लभ बगलामुखी साधना की संक्षिप्त विधि इस प्रकार है।आधी रात के समय दक्षिणाभिमुख होकर बैठें। साधना प्रारंभ करने से पूर्व गणपति, इष्ट देवता और गुरु को नमन स्मरण कर प्रार्थना करें। साधक पद्मासन में बैठकर मां बगलामुखी के समक्ष वस्त्र, गंध, फल, तांबूल, धूप, दीप, नैवेध समर्पित करें। इसके बाद नीचे दिए मंत्र का पूर्ण विधि-विधान से 11 माला जप करें। मंत्र:
ओम् ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानाम वाचं, मुखं करं पदं स्तंभेय जिव्हाम कीलय कीलय बुद्धिय नाशय ह्रीं ओम्।

पूर्ण नियम कायदों और शास्त्रीय तरीके से करने पर यह साधना जरूर सफल होती है।

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