Friday, October 15, 2010

Astro - गुरु सरस्वती पूजा

पाएं दिमागी तंदुरस्ती और हमसफर

नवरात्रि में पूरी भक्ति और श्रद्धा से शक्ति उपासना के धार्मिक माहौल में हर भक्त शक्ति, बल संचय के भाव से सुख और सफलता की आस लगाता है। वैसे बल कैसा भी हो वह मान, प्रतिष्ठा और कामयाबी जरुर देता है। सरल शब्दों में कहे तो बल से आप कहीं भी धाक जमा जा सकते हैं।
व्यावहारिक जीवन में झांके तो बल को प्रमुख रुप से तन, मन और धन के पैमाने पर परखा जाता है। जीवन के लिये तीनों ही अहम है। किंतु इनमें से मनोबल ही ऐसा है, जो खुशहाली में नहीं बल्कि बदहाली में भी आपका उमंग, उत्साह और ताकत बनाए रखता है। जबकि तन या धन बल में उतार-चढ़ाव संभव है। किंतु तीनों को पाने के लिए मेहनत और समर्पण जरुरी है। खासतौर पर मनोबल या मन की शक्ति के लिए ज्ञान, विद्या बहुत जरुरी है।
धर्म में विश्वास रखने वाला सबल बनने और बाधा को टालने के लिए ईश्वर को भी स्मरण करता है। इसलिए हिन्दू धर्म में जब भी ज्ञान, विद्या और बुद्धि बल की कामना की जाती है, तो देवगुरु बृहस्पति और माता सरस्वती का ध्यान और स्मरण श्रेष्ठ माना जाता है।
14 अक्टूबर को गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के साथ-साथ सरस्वती पूजा का शुभ योग है। नवरात्रि में दुर्गा रुप की पूजा परंपरा के साथ ही गुरु बृहस्पति पूजा से विद्या, ज्ञान प्राप्ति के साथ भाग्य बाधा खत्म हो जाती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति पूजा से योग्य जीवनसाथी मिलता है। इस समय गुरु अपनी ही राशि मीन में बैठें हैं। इसलिए इस राशि के साथ अन्य राशि के व्यक्ति भी शुभ फल पा सकते हैं।
इस दिन गुरु के साथ माता सरस्वती की पूजा बुद्धि, ज्ञान बढ़ाने वाली होगी। कला और संगीत क्षेत्र से जुड़े व्यक्ति इस दिन माता सरस्वती की पूजा जरुर करें। इसलिए यहां बताई जा रही है गुरु बृहस्पति और माता सरस्वती की पूजा की सरल विधि और उपाय -

- इस सुबह स्नान कर घर या देवालय में स्वच्छ, पील या सफेद वस्त्र पहनें। - माता सरस्वती और गुरु बृहस्पति की चार भुजाधारी मूर्ति का पंचामृत स्नान यानि दही, दुध, शहद, घी, शक्कर कराएं। - इसके बाद पंचोपचार पूजा करें यानि गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य से पूजा करें। - गुरु बृहस्पति और माता सरस्वती की पूजा में कुछ विशेष सामग्री जरुर अर्पित करें। - गुरु बृहस्पति को पीले रंग के पदार्थ जैसे चने की दाल, हल्दी, बूंदी के लड्डु, पीला वस्त्र, पीले फूल चढ़ाएं। सक्षम होने पर सोना भी चढ़ा सकते हैं। - माता सरस्वती को आम के पत्ते, सफेद या पीले फूल चढ़ाए। प्रसाद में खीर, दूध, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू, सफेद चंदन, वस्त्र व मौसमी फल चढ़ाएं। - घी के पांच बत्ती के दीप जलाकर आरती करें।
- आरती के बाद बृहस्पति मंत्र, स्त्रोत, कथा, सरस्वती कवच और मंत्र का पाठ करें या कराएं। - अंत में पूजा में हुई त्रुटि के लिए क्षमा मांगकर अपनी कामनापूर्ति की प्रार्थना करें।

ऐसी गुरु और माता सरस्वती पूजा से आपको ज्ञान, सुख, स्वास्थ्य, धन और व्यवसाय, अध्ययन में सफलता, पाएंगे। ज्योतिष की नजरिए से गुरु का शुभ प्रभाव आपको विनम्रता, सौंदर्य और शांति देगा। साथ ही धर्म और अध्यात्म में रुचि बढेगी। मनचाहा जीवनसाथी भी प्राप्त होगा। इस तरह गुरु और देवी की यह शुभ पूजा आपको तन, मन और धन से तंदुरस्ती देगी।

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