प्रार्थना अर्थात् भगवान से विनती
जब भी हम किसी भी परेशानी में फंस जाते हैं, जिसका हल हमारे पास नहीं होता या भगवान से हमें कोई मनोकामना पूर्ण कराना हो तो ऐसी परिस्थिति में हम भगवान से जो विनती करते हैं उसे प्रार्थना कहते हैं। प्रार्थना कई प्रकार से की जाती है, जैसे:
- इच्छापूर्ति के लिए प्रार्थना- किसी मनोकामना की पूर्ति के लिए भगवान से जो विनती की जाती है उसे इच्छापूर्ति की प्रार्थना कहते हैं।- सामान्य प्रार्थना- कई बार बिना किसी कामना या समस्या के श्रद्धा और भक्ति से भगवान की प्रार्थना की जाती है, वह सामान्य प्रार्थना कहलाती है।- बुराइयों से मुक्ति के लिए प्रार्थना- अपनी कमजोरी व बुराइयों को दूर करने या उनसे लडऩे की शक्ति प्राप्त करने के लिए भगवान से प्रार्थना की जाती है। स्वीकारने की प्रार्थना- कुछ लोग ईश्वर की महिमा, सत्ता, प्रभुता को समझकर उसे स्वीकार कर या मानकर भी प्रार्थना करते हैं।- धन्यवाद की प्रार्थना- मनोकामना की पूर्ति हो जाने पर या जीवन सुखमय होने पर भगवान की कृपा का धन्यवाद देने के लिए भी प्रार्थना की जाती है।- मौन प्रार्थना- पूर्ण समर्पण भावना से मौन होकर प्रार्थनाशील हो जाना।
कैसे करें प्रार्थना
- सरल, हृदय से।- सबके कल्याण को ध्यान में रखकर। - हर पल हर समय प्रार्थनामय बनें (कामनामय नहीं)।- यदि इच्छा भी करें तो उसे पूर्ण करने की आजादी ईश्वर को दें।- जीवन और अस्तित्व के प्रति श्रद्धावान बनें।
Saturday, October 9, 2010
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