हनुमान भक्ति देती है हौंसला और कामयाबी
नवरात्रि की नौ रातों में शक्ति के साथ भगवान श्रीराम की भक्ति और उपासना की जाती है। वहीं मातृशक्ति के विशेष काल में आदिशक्ति और भगवान श्रीराम के सेवक और अतुलनीय बल के स्वामी श्री हनुमान की आराधना संकट और पीड़ा को हरने वाली मानी जाती है।
धार्मिक दृष्टि से श्री हनुमान रुद्र अवतार माने जाते हैं। इसलिए रुद्र अंश होने के कारण उनकी भक्ति से शक्ति और श्रीराम की प्रसन्नता भी प्राप्त हो जाती है। व्यावहारिक दृष्टि से श्री हनुमान, शक्ति और श्रीराम की उपासना से हर कामना ही पूरी नहीं होती, बल्कि जीवन की हर परेशानियों और मुसीबतों से छुटकारा मिल जाता है।
नवरात्रि के अलावा भी मंगलवार और शनिवार का दिन भी श्री हनुमान उपासना के विशेष दिन होते हैं। श्री हनुमान की उपासना बल, बुद्धि और विद्या के साथ सुख-समृद्धि, शासकीय पद, सम्मान और पुत्र कामना भी पूरी करता है। सामान्यत: श्री हनुमान पूजा और व्रत हिन्दू माह के शुक्ल पक्ष से शुरु करना श्रेष्ठ होते हैं। व्रत संख्या कम से कम २१ होती है।
यहां जानते हैं श्री हनुमान की पूजा और व्रत की सरल विधि -
- सुबह यथासंभव सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। - गंगाजल के पवित्र जल से घर और देवालय को पवित्र करें। - नवरात्रि या मंगलवार को हनुमान उपासना के लिए व्रत जरुर रखें। - व्रत में बिना नमक का आहार ही ग्रहण करें।
- श्री हनुमान की पूजा के लिए व्रती को लाल वस्त्र पहनना चाहिए। - घर या किसी देवालय में श्री हनुमानजी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर लाल गंध, लाल फूल, लाल वस्त्र और अक्षत आदि से विधिवत हनुमानजी की पूजा करें।- श्री हनुमान को गुड़, चने, गुड़ और आटे से बना चूरमा, अनार का भोग लगाएं।- चार बत्तियों का दीपक जलाकर श्री हनुमान की आरती करें।- हनुमान चालीसा व सुन्दरकाण्ड का पाठ भी यथासंभव करें। प्रसाद बांटे।- रात्रि में एक बार भोजन कर सकते हैं।
- लोक मान्यताओं में नवरात्रि में श्री हनुमान पूजा से ग्रह पीड़ा, भूत-प्रेत बाधा भी दूर हो जाती है।
अगर आप जीवन में बहुत ज्यादा परेशानियो के कारण तनाव और चिंताओं से जूझ रहे हैं, तब ऐसी हनुमान भक्ति आपका हौंसला बढ़ाकर सारी मुसीबतों से छुटकारा दिलाने में जरुर कामयाबी देगी।
Friday, October 15, 2010
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