आपने बड़े-बूढ़ों को यह कहते हुए सुना होगा कि जिस घर में नमक बंधा हो, तो वहां बरकत रहती है। लक्ष्मी को कमल पर आसीन माना गया है।हल्दी की गाठों में साक्षात गणेश का रूप माना गया है और धनियां को इसलिए इस नाम से पुकारा जाता है क्योंकि वह धन का आवाह्न करता है। कारण चाहे जो भी हो लेकिन यह बिल्कुल सही है। जिस घर में नमक, खड़ा धना, हल्दी की गांठे और कमल गट्टों को भले ही कम मात्रा में ही सही लेकिन कु छ मात्रा में संजोकर रखा जाए तो निश्चय ही उस घर में बरकत होती है। वहां शांति बनी रहती है।साबुत नमक को पर्याप्त मात्रा में ईशान्य यानी उत्तर-पूर्व में रखने पर किसी भी विपरीत दिशा में शौचालय में रखने से उनका दोष कम हो जाता है।
समय किसी का गुलाम नहीं होता। व्यक्ति के जीवन में समय की कमी हमेशा बनी रहती है। इसलिए आज हर कोई चाहता है कि कम से कम समय में अधिक से अधिक समृद्धि प्राप्त हो जाए। फेंगशुई के उपायों में समृद्धि और शांति के रूप में कछुए को माना जाता है। कछुए का इतिहास पांच हजार वर्ष पुराना है। कछुए के अन्दर ईश्वर का निवास होता है।
चीन में प्रचलित एक किवदंती के अनुसार लगभग पांच हजार वर्ष पहले जब शिया काव नामक व्यक्ति अपने सहयोगियों के साथ खेत में सिंचाई के लिए खुदाई का काम कर रहा था। तब नीचे से एक बहुत बड़ा कछुआ निकला। तभी से चीनी मान्यता है कि इसके अन्दर भगवान का वास होता है। इसलिए उसका इस तरह अचानक प्रकट होना बहुत शुभ व समृद्धिदायक माना गया है।
अक्सर घर में जीवित कछुए को रखना संभव नहीं होता। इसलिए फेंगशुई के अनुसार शीशे या धातु से बने कछुए को रखना शुभ माना जाता है। इसे भी पानी से भरे छोटे कटोरे में रखना चाहिए। घर के उत्तर दिशा में रखा कछुआ बहुत लाभदायक होता है। यदि शयन कक्ष या ड्राइंगरूम में रखना हो तो इसकी पीठ दीवार की तरफ होनी चाहिए। इससे घर में समृद्धि के साथ ही शांति का स्थाई निवास होता है।
Wednesday, October 27, 2010
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