शुभ कार्य के लिए हर दिन का श्रेष्ठ मुहूर्त
सामान्यत: किसी भी मांगलिक कार्य या शुभ कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ मुहूर्त में कार्य करने से निश्चित ही सफलता प्राप्त होती है। शुभ मुहूर्त के समय सभी ग्रह-नक्षत्र ऐसी स्थिति में होते हैं कि उनसे हमारे कार्य पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता और बिना किसी विलंब या रुकावट कार्य पूर्ण हो जाता है।दिन में कई शुभ-अशुभ मुहूर्त होते हैं। जिनकी जानकारी ज्योतिष शास्त्र से प्राप्त होती है। हर मुहूर्त का अलग समय होता है परंतु दिन में एक मुहूर्त ऐसा है जिसमें कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। यह मुहूर्त प्रतिदिन एक निश्चित समय पर रहता है। इसे अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है।
30 मुहूर्त होते हैं एक दिन में: ज्योतिष शास्त्र में दिन और रात के कुल 30 मुहूर्त बताए गए हैं। 15 मुहूर्त दिन में और 15 ही रात में होते हैं। ज्योतिषीय गणित दिनमान के अनुसार दिन को बराबर 15 भागों में बांटने पर 1 मुहूर्त का समय निकलता है। एक मुहूर्त 48 मिनट 24 सेकंड का होता है। परन्तु ज्योतिष विद्वानों ने अभिजीत मुहूर्त का समय 39 मिनट माना है। कुछ विद्वानों ने इस अभिजीत मुहूर्त को विजय मुहूर्त भी कहा है। यह दिन का आठवां मुहूर्त होता है।
कब बनता है अभिजित मुहूर्त: नारद पुराण के अनुसार सूर्य जब ठीक सिर पर हो मतबल दिन के समय 11:36 बजे से 12:15 बजे तक के समय को अभिजीत मुहूर्त या विजय मुहूर्त कहा जाता है। कुछ जानकारों ने सूर्योदय के बाद चतुर्थ लग्र को अभिजीत मुहूर्त या अभिजीत लग्र माना है। इस मुहूर्त में किए गए कार्य हमेशा सफल होते है। चाहे कितने भी दोष क्यों न हो, यह सारे दोषों को खत्म कर देता है।
Friday, October 15, 2010
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