राजयोग नाकामी क्यों
राजयोग, एक ऐसा योग है जो राजा बना देता है। यदि आम इंसान की कुंडली में यह योग बनता है वह रातोंरात धनवान हो जाता है, उसे सभी सुख प्राप्त होने लगते हैं। राजयोग से जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं रहती। ऐसे लोग प्रसिद्ध होते हैं। उन्हें अपने जीवन में बहुत दौलत और शोहरत मिलती है।कुछ लोगों की कुंडली में राजयोग तो होता है फिर भी उनके पास धन नहीं होता, वे भाग्यहीन ही होते हैं और उन्हें हर जगह असफलता प्राप्त होती है। इसके पीछे कई ज्योतिषीय कारण हैं।
कैसे बनता है राजयोग
कुंडली में राजयोग कई प्रकार से बनता है। जन्म कुंडली मे राजयोग कई ग्रहों से मिल कर बनता है। कुंडली में उन ग्रहों के अच्छे एवं बुरे प्रभाव को गंभीरता से जानना बहुत जरूरी होता है क्योंकि ये ग्रह कुंडली में राजयोग तो बनाते है लेकिन अपने शत्रु ग्रह की राशि में होने से इनका शुभ फल नहीं मिल पाता। बहुत सी ऐसी स्थितियां होती है जिनमें राजयोग का फल नहीं मिलता।
- किसी व्यक्ति की कुंडली में यदि गुरु और चंद्र से बनने वाला गजकेसरी योग बनता है परंतु यह योग कुंडली के 1, 4, 7, 10 भाव में न होकर 3, 6, 8, 12 भाव में बनता है, तो इस राजयोग का फल नहीं मिलता।- यदि गुरु और चंद्र की युति मकर राशि में हो, तो भी राजयोग निष्फल हो जाता है।- राजयोग बनाने वाले ग्रह मंगल, गुरु, शनि, चंद्र यदि सूर्य से अस्त हो जाए यानि किसी भी भाव में सूर्य के साथ हो, तो राजयोग प्रभावहीन हो जाता है।- यदि गुरु और शनि एक साथ हो, तो राजयोग नहीं रहता।
दोष दूर करने के उपाय-
- यदि गुरु का अशुभ प्रभाव हो, तो हल्दी और केसर का दान दें।- चंद्र के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाएं।- मंगल, सूर्य से अस्त हो जाए तो लाल गाय को गुड़ खिलाएं।
Saturday, October 16, 2010
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