Tuesday, October 12, 2010

Astro

<strong>शनि की वजह से लंबे समय तक चलते हैंमुकदमे

किसी व्यक्ति की जन्म पत्रिका में न्याय, विवाद एवं कानून से संबंधित मामलों के बारे में जानना हो तो शनि की स्थिति देखकर पता किया जा सकता है। शनि की शुभ-अशुभ स्थिति ही कुंडली में कोर्ट, कानून, वाद-विवाद को उत्पन्न करती है। शनि की ढैय्या में इंसान कानूनी विवाद में फंस ही जाता है। यदि कुंडली में शनि की स्थिति अशुभ फल देने वाली है या शनि वक्री है या साढ़ेसाती चल रही है, तो व्यक्ति को अपने कर्मों के अनुसार फल भोगना पड़ता है।
- यदि शनि किसी कुंडली में सूर्य, मंगल, बुध के साथ अष्टम भाव में हो, तो वह व्यक्ति कानूनी विवादों में उलझा रहता है।
- यदि शनि अपनी शत्रु राशि सिंह, मेष, कर्क, वृश्चिक मेंअष्टम या द्वादश भाव में हो, तो कोर्ट कचहरी के मामलें लम्बे समय तक चलते है।- जिस जातक की पत्रिका में कर्क राशि में स्थित मंगल का दृष्टि संबंध मेष राशि के शनि से होता है, उसे भी कानूनी विवादों का सामना करना पड़ता है।
शनि की अच्छी स्थिति इंसान को उच्च स्तर का न्याय दिलाती है। न्याय में शनि देव का प्रभाव धीरे-धीरे होता है परन्तु लंबे समय के लिए होता है।कोर्ट-कचहरी से जुड़े मामलों पर शनि का प्रभाव देखने को मिलता है। आपने देखा होगा कि वकील एवं जज काले रंग के कोट पहनते हैं। ज्योतिष के अनुसार काला रंग शनि देव का होता है। शनि देव के स्वभाव के अनुसार ही हमारी न्यायपालिका में मुकदमे धीरे-धीरे एवं वर्षों तक चलते है। शनि देव को ज्योतिष में न्याय दंडाधिकारी की संज्ञा दी गई है क्योंकि न्याय प्रिय होना शनि देव का स्वभाव है। इसलिए न्याय से संबंधित क्षेत्रों पर शनि का विशेष प्रभाव होता है।

मुकदमों में विजय पाने के उपाय-
- 43 दिन तक कौओं को रोटी दें।- हर शनिवार शनि देव को तेल चढ़ाएं।- भैरव जी के दर्शन कर के कोर्ट जाएं।- तेल, उड़द और काले कपड़े का दान दें।


No comments:

Post a Comment