सभी शुभ कार्यों में नारियल का प्रयोग होता है। ये तो सभी जानते हैं कि नारियल शुद्धता का प्रतीक होता है, लेकिन लघु नारियल के बारे में कम ही लोग जानते है क्योंकि यह दुर्लभ और चमत्कारी होता है। जब कोई प्राकृतिक वस्तु अद्भुत और मुश्किल से मिलने वाली हो तो वह तंत्रोक्त वस्तु बन जाती है, क्योंकि उसमें कुछ विशेष गुण होते हैं। ऐसी विशेष प्राकृतिक तांत्रोक्त वस्तुओं के द्वारा जिन्दगी से कई समस्याएं दूर कर सकती है। ऐसी ही एक समस्या है जन्मकुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव की।
कुछ ग्रहों का अशुभ प्रभाव ऐसा होता है जिनके कारण उनके प्रभाव से पीडि़त व्यक्ति को जीवन में बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ता है। ग्रहों में यदि किसी ग्रह का अशुभ प्रभाव सबसे ज्यादा संकट देने वाला होता है तो वह प्रभाव होता है शनि का।
यदि आप भी शनि की साढ़ेसाती या अशुभ प्रभाव से परेशान हैं तो किसी भी शनिवार को एक बर्तन तेल भरकर उसमें यह तंत्रोक्त नारियल डाल दे, उस तेल में अपना मुंह देखकर शनिश्चर का दान लेने वाले को दान कर दें। ऐसा ग्यारह शनिवार करें तो शनि का प्रभाव बहुत कम हो जाएगा।
Tuesday, October 19, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment