Friday, October 22, 2010

तुलसी पूजा से धन

हिंदू मान्यताओं के अनुसार हर घर के बाहर तुलसी का पौधा होना अनिवार्य बताया गया है। प्रतिदिन तुलसी की पूजा करना और पौधे में जल अर्पित करना प्राचीनकालीन परंपरा है।
तुलसी की पूजा से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है, धन की कोई कमी नहीं होती। इसके पीछे धार्मिक कारण है। तुलसी में हमारे सभी पापों का नाश करने की शक्ति होती है, इसकी पूजा से आत्म शांति प्राप्त होती है। तुलसी को लक्ष्मी का ही स्वरूप माना गया है। विधि-विधान से इसकी पूजा करने से महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और इनकी कृपा स्वरूप हमारे घर पर कभी धन की कमी नहीं होती।
तुलसी पूजा की विधि :तुलसी पूजा के लिए घी दीपक, धूप, सिंदूर, चंदन, नैवद्य और पुष्प अर्पित किए जाते हैं।
तुलसी के आठ नाम :धर्मशास्त्रों के अनुसार तुलसी के आठ नाम बताए गए हैं- वृंदा, वृंदावनि, विश्व पूजिता, विश्व पावनी, पुष्पसारा, नन्दिनी, तुलसी और कृष्ण जीवनी।
तुलसी एक औषधि :ऐसा माना जाता है कि तुलसी पूजा से हमारे घर पर दैवीय कृपा बनी रहती है। तुलसी एक औषधि भी है। जिस घर में तुलसी होती है वहां बीमारियां फैलाने वाले कई कीटाणु स्वत: ही नष्ट हो जाते हैं। तुलसी घर के सदस्यों की बीमारियों से रक्षा करती है और इसके नियमित सेवन से हमारे शरीर के कई रोग दूर होते हैं।

पूजा जाता है अशोक का पेड़

अशोक के पेड़ को पवित्र माना जाता है। शोक-दु:ख को दूर करने के कारण ही संभवत: इसे अशोक नाम की उपमा दी गई है। भगवान राम ने खुद ही इसे शोक दूर करने वाले पेड़ की उपमा दी थी। कामदेव के पंच पुष्प बाणों में एक अशोक भी है। कवियों ने भी इसकी महत्ता के बारे में खूब लिखा है। रावण ने सीता हरण के बाद उन्हें अशोक-वाटिका में ही रखा था। चूंकि यहां अशोक के पेड़ अधिक संख्या में थे, इसलिए इसे अशोक-वाटिका कहा गया है। यहीं अशोक के पेड़ पर बैठकर हनुमान जी ने सीता माता के दर्शन किये थे। श्रद्धा, विश्वास, पवित्रता, शोक-निवारण आदि के परिपेक्ष्य में अशोक का गुणगान प्राचीन साहित्य में भरपूर किया गया है।तांत्रिक रूप से अशोक आवास की उत्तर दिशा में लगाना विशेष मंगलकारी माना जाता है तथा अशोक के पत्ते घर में रखने से शांति रहती है।बौद्ध धर्म और साहित्य में भी अशोक के पेड़ को बड़ा पवित्र माना जाता है। कहते हैं कि अशोक के पेड़ के नीचे कई वर्षों तक गौतम बुद्ध ने तपस्या की थी।अशोक का पेड़ शीतलता प्रदान करता है, इसी कारण आयुर्वेद में भी इसका उपयोग किया जाता है।अपनी इन्हीं विशेषताओं और धार्मिक महत्व को कारण अशोक के पेड़ को पवित्र मानकर पूजा जाता है।

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